कहते हैं कि
अगर मशीन आदमी बन जाए
तो क्या होगा ?
पर सब भूल रहे हैं !
कि
आदमी बन रहा है मशीन
हो रहा है उत्पादन
मशीनी जिस्म का
इस नयी दुनिया में
हो रहे हैं विकसित
अब सभी मनुष्य
उग रही हैं फसलें
मशीनी मनुष्यों की
इस चमक भरी दुनिया में
चमक रही है मशीनों की देह
जिनके अन्दर अब हृदय नहीं
रक्त को फैलाने वाला
बस एक पम्प है ...........
हृदयेश शाही (2007)
अगर मशीन आदमी बन जाए
तो क्या होगा ?
पर सब भूल रहे हैं !
कि
आदमी बन रहा है मशीन
हो रहा है उत्पादन
मशीनी जिस्म का
इस नयी दुनिया में
हो रहे हैं विकसित
अब सभी मनुष्य
उग रही हैं फसलें
मशीनी मनुष्यों की
इस चमक भरी दुनिया में
चमक रही है मशीनों की देह
जिनके अन्दर अब हृदय नहीं
रक्त को फैलाने वाला
बस एक पम्प है ...........
हृदयेश शाही (2007)